दीक्षांत समारोह मे 131 शोधकर्ताओं को मिली डिग्रियां

ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट में आज महामहिम राज्यपाल पधारी।

दीछांत समारोह एवं प्रबंध मंडल की बैठक की अध्यक्षता किया।

दीछांत समारोह में स्वर्ण पदक और डिग्री वितरित ।दीछांत भाषण भी हुआ।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति के तीन वैज्ञानिकों को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि ।

49 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 131 शोधकर्ताओं को उपाधियां मिली।

चित्रकूट, 27 फरवरी 2019।मध्यप्रदेश की महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदी बेन पटेल आज 27 फरवरी 2019 को महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के सप्तम दीछांत समारोह में विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और उपाधियों को वितरित किया।महामहिम राज्यपाल श्रीमती पटेल ने इसके पूर्व महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल की आयोजित बैठक की अध्यक्षता की। महामहिम राज्यपाल अपराह्न 12.05 बजे पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार विश्वविद्यालय परिसर में पधारी।प्रबंध मंडल की बैठक की अध्यक्षता के बाद महामहिम राज्यपाल दीछांत समारोह की विद्ध्वत यात्रा में सम्मिलित हुई तत्पश्चात दीक्षात कार्यक्रम की अध्यक्षता की।महामहिम राज्यपाल इस दौरान विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और उपाधियां वितरित की।मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के महानिदेशक एवं सचिव डेयर भारत सरकार डॉ त्रिलोचन महापात्र शामिल होंगे।स्वागत भाषण कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने किया।दीछांत समारोह में अंतरराष्ट्रीय ख्याति के तीन मूर्धन्य विद्यानों प्रो डी पी सिंह,चेयरमैन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली, प्रो एस सी शर्मा निदेशक नैक बंगलोर, एवं डॉ त्रिलोचन महापात्र सचिव डेयर भारत सरकार, नई दिल्ली को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि के साथ 49 छात्र छात्राओं को स्वर्ण पदक,131 शोधकर्ताओं ,स्नातक स्तर के 678 एवं परास्नातक स्तर के 204 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई।इसके अतिरिक्त लगभग 9000 स्नातक परास्नातक स्तर के दूरवर्ती माध्यम से दूर दराज में अध्ययन कर परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को उपाधि के लिए मान्य करते हुए उपाधि प्रदान की गई।कुलसचिव डॉ बी भारती ने आयोजन के कार्यक्रमों का विवरण प्रस्तुत किया।उपकुलसचिव अकादमी डॉ कुसुम कुमारी सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया। विज्ञान एवं पर्यावरण संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो आई पी त्रिपाठी, ग्रामीण विकास एवं प्रवंधन संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ अमरजीत सिंह, कृषि संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ डी पी राय,कला संकाय के संकायाध्यक्ष डॉ योगेश कुमार सिंह,प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी संकाय केडॉ आंजनेय पांडेय और निदेशक दूरवर्ती डॉ वीरेन्द्र कुमार व्यास की ओर से पात्र उपाधि कर्ताओं को प्रस्तुत किया गया।हिन्दी विषय के जे आर एफ एवं शोधकर्ता सत्य प्रकाश द्वारा लिखित पुस्तक का विमोचन किया गया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रवंध मंडल के सदस्य, प्राध्यापक, अधिकारी, कर्मचारियों के साथ उपाधी प्राप्तकर्ता एवं अभिभावकों की उपस्थिति रही।कुलाधिपति एवं महामहिम राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय नाना जी के सपनों का केंद्र है इसे शिक्षा के उच्चतम स्तर तक पहुंचाना सभी का दायित्व है उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय के छात्र देश विदेशों में नाम कमा रहे हैं प्रभू श्री रामचंद्र जी की यह कर्म भूमि है वैसे ही छात्रों को इस स्थान को अपनी कर्मभूमि समझ कर शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए ।महामहिम राज्यपाल ने विगत पांच साल में विश्वविद्यालय के हुए विकास का उल्लेख अपने उदबोधन में करते हुए कहा कि उपाधि प्राप्त करने वाले प्रत्येक विद्यार्थी को गांव और गांव की आबादी के विकास के लिए काम करने का संकल्प लेना चाहिए।उन्होंने बेटियों द्वारा बढ़-चढ़कर शिक्षित होने के अभियान को सराहा। साथ ही बेटों को भी बेटियों से प्रेरणा लेने की बात कही इस अवसर पर त्रिवेणी स्वयं सहायता समूह बरूआ ग्राम की महिलाओं ने अपनी उपलब्धियों से राज्यपाल को परिचित कराया
मुख्य अतिथि डॉ त्रिलोचन महापात्र ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय के गतिविधियों की सराहना करते हुए नव दीक्षित उपाधि प्राप्त कर्ताओं का आवाहन करते हुए कहा कि अपनी छमता से नाना जी की भावना के अनुरूप नए समाज के संरचना के काम मे जुट जाएं।उन्होंने कुलपति प्रो नरेश चन्द्र गौतम की सराहना करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय ने कृषि सहित सभी विधाओ में तरक्की की है।
कुलपति प्रो नरेश चंद्र गौतम ने स्वागत उदबोधन में विश्वविद्यालय की विशिष्ट गतिविधियों पर प्रकाश डाला