Quiz competition
Mahatma Gandhi Chitrakoot University is organizing quiz competition.
Please find link https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLSfOSnBwNYSlONmW1JDfo18sXJzjbnll7jbR3s-1ARR9u6w3vQ/viewform?usp=sf_link
Mahatma Gandhi Chitrakoot University is organizing quiz competition.
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राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के कुलाधिपति मा. लालजी टंडन के निर्देशानुसार Covid-19 से बचाव हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही गतिविधियों को ग्रामोदय विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न संचार माध्यमों से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है
आपदा राहत कोष हेतु विश्वविद्यालय के प्रत्येक शिक्षक, अधिकारी और कर्मचारियों ने अपना एक दिन का वेतन दिया है तथा निर्देशानुसार अपना यथेष्ट योगदान दे रहे हैं।
Covid-19 से बचाव के लिये:
• लाकडाउन का पालन करें
• सामाजिक दूरी बनायें रखें
• हाथ बार बार साबुन या हैण्ड वाश से धोयें
• मुंह और चेहरे को छूने से बचे
•डाक्टर की सलाह पर ही दवा लें
• अफवाहों पर विश्वास न करें
• कोरोना से सम्बन्धित जानकारी हेतु सरकारी बेबसाइट को देखें और सोशल मीडिया पर केवल प्रमाणिक जानकारी ही अपने सम्पर्कों में प्रसारित करें
• विस्तृत जानकारी के लिये विवि की वेबसाइट http://gramodayachitrakoot .ac.in को देखें
प्रो. नरेशचन्द्र गौतम,
कुलपति
महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट
With the outbreak of Coronavirus spreading across the country, many celebs from the entertainment industry have come forward to spread awareness on the preventive measures. They are not only spreading awareness but also doing their bit in following the basic precautions like wearing a mask during the shoot hours.
ग्रामोदय विश्वविद्यालय का आठवां दीक्षांत समारोह
महामहिम राज्यपाल ने 42 को स्वर्ण पदक, 121 को शोध उपाधियां बांटी
831 स्नातक परास्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई
चित्रकूट, 4 मार्च 2020। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में प्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री लालजी टंडन ने 42 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक,121 शोधार्थियों को पीएचडी उपाधि एवं स्नातक -परास्नातक स्तर के विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की।
महामहिम राज्यपाल श्री लालजी टंडन दीक्षांत समारोह 2020 की अध्यक्षता करने के लिए यहां आये थे। इसके पूर्व उन्होंने ग्रामोदय विश्वविद्यालय प्रबंध मंडल की बैठक की भी अध्यक्षता की। दीक्षांत उद्बोधन राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन परिषद बंगलोर के चेयरमैन पद्मश्री प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह चौहान ने दिया। स्नातकों को दीक्षांत शपथ कुलपति प्रोफेसर नरेश चंद्र गौतम ने दिलाई। कुलसचिव डॉ राकेश कुमार चौहान ने दीक्षांत समारोह का संचालन किया।
इस अवसर पर कुलाधिपति एवं महामहिम राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने कहा कि डिग्री पाने के बाद युवा नए रास्ते पर चलने की कोशिश करता है। वह चाहता है कि पूरे स्वाभिमान के साथ इस नवीन रास्ते में उसे मान, सम्मान, पद, प्रतिष्ठा और पैसा मिले। यह अच्छी बात है। किंतु केवल नौकरी से ही पूरी तरह यह सब संभव नहीं हो सकता। मेरा मानना है कि नव स्नातक उपाधि धारकों को उन्हें अपने पास उपलब्ध ज्ञान ,विज्ञान और तकनीक का उपयोग इस प्रकार करना चाहिए कि वह देश के नवनिर्माण में भी भागीदारी बन सकें। उन्होंने देश के अनेक महापुरुषों के जीवन दर्शन का वर्णन करते हुए कहा की महापुरुषों और विद्वानों ने भारत के ज्ञान के बल पर दुनिया में देश की पहचान बनाई है। भारत रत्न राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख के कार्यों के साथ अपने जुड़ाव और अनुभव को साझा करते हुए राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि नानाजी इस विश्वविद्यालय के परिकल्पना और संस्थापक है,उन्होंने संवाद को कायम रखते हुए अपनी विचारधारा से अपने कार्य क्षेत्र के लोगों को जोड़ने का सदैव प्रयास किया है। तीन -2 राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों आपका उनके रचनात्मक कार्यों से जुड़ना और मुक्त कंठ से उनकी प्रशंसा करना काफी महत्वपूर्ण है। नानाजी ने इस विश्वविद्यालय के साथ-साथ आरोग्यधाम, राम दर्शन, प्राथमिक से उच्च शिक्षा, ग्रामीण विकास, जल संग्रहण के अभिनव कार्य किया है । राष्ट्रपिता एवं राज्यपाल जैसे शीर्ष पदस्थ महानुभावों को गरीबों, आदिवासियों, वंचितों, किसानों, ग्रामीणों के साथ जमीन में बैठ सहभोज कराने का विशेष कार्य नाना जी ने इसी ग्रामांचल में किया है। यह विश्वविद्यालय राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की संकल्पना को यथार्थ का धरातल देने में पूरी निष्ठा के साथ संलग्न है।
विशिष्ट अतिथि पद्मश्री प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह चौहान ने अपने दीक्षांत मार्गदर्शन में कहा कि उपाधि प्राप्त कर्ताओं को मेहनत, श्रद्धा और इमानदारी के साथ अपना काम करना चाहिए। ईमानदारी से किया प्रत्येक कार्य देश को आगे ले जाने में सक्षम होता है।
प्रोफेसर चौहान ने कहा कि किसी के काम की नकल से अच्छा है कि हम हर काम के करने की नवीन तकनीकों को ढूंढ कर प्रभावी बनावे। स्वामी विवेकानंद की जीवन शैली उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें महापुरुषों को ठीक ढंग से पढ़ना और उनके कार्यों का
अनुसरण करना चाहिए। प्रोफेसर चौहान ने जीवन की सफलता के अनेक गुर बताएं।
कुलपति प्रोफेसर नरेश चंद गौतम ने स्वागत उद्बोधन करते हुए विश्वविद्यालय के कार्यों और गतिविधियों पर प्रकाश डाला। प्रोफेसर गौतम ने नव स्नातकों को शपथ दिलाई।कुलसचिव डॉ राकेश कुमार चौहान दीक्षांत समारोह के प्रावधानों के अंतर्गत कुलाधिपति श्री लालजी टंडन से अनुमति प्राप्त कर कार्यक्रम प्रारंभ करने एवं समापन की घोषणा की। कार्यक्रम का प्रारंभ विद्वत यात्रा के दीक्षांत मंच में पहुंचने के साथ हुआ। इसके पूर्व महामहिम राज्यपाल ने पुरुष छात्रावास का शिलान्यास और सचल मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का शुभारंभ एवं बी.एफ.ए – एम.एफ.ए के विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई आकर्षक फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
इस दौरान दीक्षांत समारोह मंच से एसोसिएट प्रोफेसर डॉ वंदना पाठक द्वारा लिखित केमिस्ट्री टेक्निक्स पुस्तक का विमोचन पुरातन, छात्र इं नीलांशु चतुर्वेदी का लगातार दो बार से चित्रकूट क्षेत्र का विधायक निर्वाचित होने, अनामिका दुबे यूपीपीएससी की सहायक प्राध्यापक इतिहास परीक्षा में प्रथम स्थान पाने , इं शुभम मिश्रा द्वारा सॉफ्टवेयर स्टार्टअप के सफल क्रियान्वयन के लिए सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया। शोध उपाधि प्राप्त करने पहुंचे डॉ दीपक राय भोपाल ने अपनी स्व लिखित सोशल मीडिया पुस्तक समर्पित किया।
एमएफए के छात्र संगम सागर ने महामहिम राज्यपाल की हस्त निर्मित व्यक्ति चित्र का निर्माण कर उन्हें समर्पित किया। इसी प्रकार बीएफ एक-एक छात्र अभिलाष ने पद्मश्री प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह चौहान की प्रतिकृति बनाकर सौंपी। कार्यक्रम का संचालन उप कुलसचिव डॉ कुसुम कुमारी सिंह ने किया।
जय प्रकाश शुक्ल
जनसंपर्क अधिकारी
महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय
चित्रकूट सतना (मध्य प्रदेश).